जासूसी के आरोप में पाकिस्तान की जेल में मारे गए सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर का शनिवार देर रात निधन हो गया है। रिपोर्ट के अनुसार 60 साल की दलबीर कौर का निधन कार्डियक अरेस्ट के कारण हुआ है। उनका अंतिम संस्कार आज पंजाब के भिखीविंड में हुआ। आपको बता दें कि सरबजीत सिंह को पाकिस्तान की जासूसी के आरोप में सरबजीत सिंह को 1991 में मौत की सजा सुनाई थी। हालांकि 2008 में पाकिस्तान की सरकार ने सरबजीत सिंह को फांसी की सजा देने पर अनिश्चितकाल के लिए रोक लगा दी थी। इसके बाद पाकिस्तान के अधिकारियों ने 2012 में बताया कि भारत से कैदी की अदला-बदली के तहत सरबजीत सिंह को रिहा किया जा रहा है, लेकिन बाद में पाकिस्तानी अधिकारियों ने बताया कि सरबजीत सिंह बल्कि सुरजीत सिंह को रिहा किया जाएगा।
रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में सरबजीत सिंह ने कहा था कि मैं किसान है। मेरा बॉडर के पास घर है। मैं गलती से भटक के पाकिस्तान की सीमा में चला आया। इसके बाद भी सरबजीत को जासूसी के आरोप लगाकर पाकिस्तान की जेल में बंद कर दिया गया था और फिर 1991 में फांसी की सजा सुनाया था। हालांकि 2008 में अनिश्चितकाल के लिए फांसी की सजा पर रोक लगा दी गई थी।
2012 में कैदियों की अदला-बदली की खबर के बाद सरबजीत सिंह की बहन दलबीर कौर ने अपने भाई की रिहाई की छेड़ी। इसके बाद भारतीय विदेश मंत्रालय ने भी सरबजीत सिंह को रिहा करने का अनुरोध किया था। विदेश मंत्रालय ने कहा था कि पाकिस्तान की सरकार सहानभूति और मानवीय आधार पर विचार करते हुए सरबजीत सिंह को रिहा करना चाहिए।
सरबजीत सिंह को भारत वापस लाने की मुहिम के बीच पाकिस्तान ने 2013 बताया कि लाहौर की कोट लखपत जेल में सरबजीत सिंह बंद थे, जहां 6 कैदियों ने उनपर ईंट और धारदार हथियार से हमला कर दिया। इस हमले में उनके सिर में गंभीर चोट आई, जिसके बाद उन्हें लाहौर के जिन्ना अस्पताल ले जाया गया। वहां उनकी मौत हो गई है।